H1N1 influenza ke lakshan aur kuchh details:
- ज्वर (बुखार): अधिकांश मामलों में लोगों को तेजी से बढ़ता हुआ ज्वर (बुखार) होता है।
- खांसी: खांसी एक अन्य प्रमुख लक्षण है जो गले में खराश और सूखी खांसी के रूप में प्रकट हो सकती है।
- सर्दी और जुकाम: सामान्य सर्दी और जुकाम के लक्षण भी हो सकते हैं, जिसमें नाक से पानी बह सकता है और नाक बंद हो सकती है।
- गले में खराश: गले में खराश और दर्द की स्थिति हो सकती है।
- पेट में दर्द या अन्य पाचन संबंधी समस्याएं: कुछ लोगों को साथ ही पेट में दर्द या पाचन संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं।
- थकान और कमजोरी: इस इन्फ्लूएंजा के कारण लोगों को अधिक थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है।
Swine flu (ह्वाइन फ्लू) का कारण क्या है ?
- वायरस का प्रसारण: ह्वाइन फ्लू वायरस का प्रसारण हवा या संक्रमित व्यक्ति द्वारा हो सकता है, जैसे खांसी या छींकने से, या संक्रमित चीजों को छूने से।
- आस-पास संक्रमित व्यक्ति: ह्वाइन फ्लू संक्रमित व्यक्ति के साथ घुसे हुए स्थल पर भी यह वायरस रह सकता है और दूसरे लोगों को भी प्रभावित कर सकता है।
- प्रतिरक्षा प्रणाली: कुछ लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली ह्वाइन फ्लू वायरस के प्रति कमजोर होती है, जिससे उन्हें संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
- उम्र और स्वास्थ्य: बच्चे, बुजुर्ग और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्ति ह्वाइन फ्लू के प्रति अधिक प्रभावित हो सकते हैं।
स्वाइन फ्लू (H1N1 इंफ्लूएंजा) से बचाव के लिए निम्नलिखित सावधानियों का पालन करें:
- हाथ धोना: नियमित रूप से साबुन और पानी से हाथ धोएं, खाना खाने से पहले, और बार-बार चेहरे को छूने से पहले।
- मास्क पहनना: बाहर जाते समय या संक्रमित व्यक्तियों के करीब रहने पर मास्क पहनें।
- तिस्स्य का उपयोग: खांसी या छींकने के समय तिस्स्य का उपयोग करें और उसे उचित ढंककर फेंक दें।
- अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइज़र: हाथों को अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइज़र से साफ़ करें जब आपके पास पानी और साबुन न हो।
- भोजन: अच्छे स्वास्थ्य के लिए बढ़िया और पौष्टिक आहार लें।
- स्वच्छता: घर और सार्वजनिक स्थानों की अच्छी स्वच्छता बनाए रखें।
- विश्राम: पर्याप्त आराम और नींद का पालन करें।
- अभियान: सरकार द्वारा चलाए गए स्वाइन फ्लू नियंत्रण अभियानों में सहभागी बनें।
ह्वाइन फ्लू (स्वाइन फ्लू) के इलाज के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाएं:
- आराम और विश्राम: अपने शरीर को पूरी तरह से आराम दें और पर्याप्त नींद लें। यह आपके शरीर को संक्रमण से लड़ने की शक्ति प्रदान करेगा।
- दवाएं: चिकित्सक द्वारा परामर्श के बाद, नुकसान के अनुसार आपको एंटीवायरल दवाएं और अन्य दवाएं दी जा सकती हैं। इन्हें नियमित रूप से और डॉक्टर के निर्देशानुसार लें।
- गर्म लिक्विड्स: अधिक से अधिक गर्म पानी, नींबू पानी, अदरक वाली चाय, सूप आदि पिएं। इससे शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद मिलेगी और बुखार विकार से राहत मिलेगी।
- अल्पाहार: बुखार के समय, अल्पाहार करना फायदेमंद होता है। हल्के और आसान पाचन वाले आहार का सेवन करें।
- हाइज़ीन: संक्रमित व्यक्ति से दूर रहें। अपने मुंह और नाक को ढंककर खांसने या छींकने की कोशिश करें। गर्मियों में भी बहार जाते समय मास्क पहनें।
- आपात स्थिति: यदि आपको संक्रमण के लक्षण गंभीर लग रहे हैं, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें और उचित उपचार लें।
FAQS - swine flu (H1N1 influenza) ke bare mein:
स्वाइन फ्लू क्या है?
स्वाइन फ्लू, H1N1 इंफ्लूएंजा वायरस से होते हुए एक संक्रामक श्वसन इन्फेक्शन है। यह वायरस स्वाइन (सूअर) में पाया जाता है, लेकिन इंसानों में भी संक्रमित हो सकता है।
स्वाइन फ्लू का संक्रमण कैसे होता है?
स्वाइन फ्लू का वायरस संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या संक्रमित सतहों से हवा में फैलता है। अगर कोई दूसरा व्यक्ति इस हवा को सांस लेता है या संक्रमित चीजों को छूता है, तो वह भी स्वाइन फ्लू से प्रभावित हो सकता है।
स्वाइन फ्लू के लक्षण क्या होते हैं?
स्वाइन फ्लू के लक्षण में ज्वरम, खांसी, सर्दी-जुकाम, गले में खराश, पेट में दर्द या पाचन संबंधी दिक्कत, थकान और कमजोरी शामिल हो सकती हैं।
स्वाइन फ्लू से बचने के लिए क्या उपाय करने चाहिए?
स्वाइन फ्लू से बचने के लिए हाथ धोने, मास्क पहनने, संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखने, अच्छे हाइजीन अनुसार व्यवहार करने, इम्यून सिस्टम को सुधारने के लिए पोष्टिक आहार खाने और स्वाइन फ्लू वैक्सीनेशन लेने जैसे उपाय अपनाए जा सकते हैं।
स्वाइन फ्लू का इलाज क्या है?
स्वाइन फ्लू के इलाज के लिए, डॉक्टर द्वारा नुकसान के अनुसार एंटीवायरल दवाएं, आराम और पर्याप्त पानी का सेवन दिया जाता है। यदि लक्षण गंभीर हैं तो, अस्पताल में उपचार की सलाह दी जा सकती है।
स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए वैक्सीनेशन कितनी सुरक्षित होती है?
स्वाइन फ्लू के वायरस के साथ उपयुक्त वैक्सीनेशन लेना एक सुरक्षित तरीका है इस बीमारी से बचने के लिए। यह वैक्सीन रिस्क ग्रुप, जैसे बच्चे, बुजुर्ग और इम्यून-कंप्रोमाइज़ड व्यक्तियों को सुरक्षित रखती है।
स्वाइन फ्लू का इलाज करवाने के बाद क्या सावधानियां रखनी चाहिए?
स्वाइन फ्लू का इलाज करवाने के बाद, अपनी सेहत का ध्यान रखें, डॉक्टर द्वारा दी गई दवाओं का नियमित सेवन करें, और संक्रमण से बचने के उपायों को जारी रखें।
क्या हर स्वाइन फ्लू के मरीज़ को हॉस्पिटल एडमिट करना ज़रूरी होता है?
स्वाइन फ्लू के मरीज़ को सभी केस में हॉस्पिटल एडमिट करवाना ज़रूरी नहीं होता है। लेकिन अगर लक्षण गंभीर हैं या व्यक्ति की स्थिति खराब है, तो डॉक्टर अस्पताल में उपचार की सलाह देते हैं।